जी एस टी कम्पोजीशन लेवी की व्याख्या
वर्तमान राज्य अप्रत्यक्ष कर शासन ने छोटे डीलरों के लिए कम्पोजीशन स्कीम के नाम से एक सरल अनुपालना उपलब्ध कराई है। इस स्कीम के तहत आप,
- कारोबार के एक निश्चित प्रतिशत भाग पर ही करों का भुगतान कर सकते हैं
- केवल आवधिक रिटर्न दाखिल कर सकते हैं (प्रायः त्रैमासिक आधार पर)
- विस्तृत रिकार्ड न रखने या कर इनवाइसिंग नियम पालन न करने का विकल्प हो सकता है
- इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) नहीं ले सकते।
- बिक्री पर कर एकत्रित नहीं कर सकते।
आइए निम्न उदाहरण से समझें कि कम्पोजीशन स्कीम, किस तरह से अलग हैः
जी एस टी कराधान में कम्पोजीशन लेवी
इसी प्रकार, यही फायदा जी एस टी कराधान के अंतर्गत दिया गया है। छोटे डीलर और व्यवसायी, कम्पोजीशन लेवी के नाम से ज्ञात कम्पोजीशन योजना का विकल्प चुन सकते हैं। इस स्कीम के तहत, एक कम्पोजिट करदाता अपने कारोबार के केवल निश्चित प्रतिशत भाग पर कर देता है।मर्यादा सीमा
- सिक्किम सहित पूर्वोत्तर – एक पैन वाले व्यक्ति का सकल कारोबार वित्तीय वर्ष के दौरान रु. 10 लाख से अधिक किन्तु रु. 50 लाख से कम हो।
- शेष भारत– एक पैन वाले व्यक्ति का सकल कारोबार वित्तीय वर्ष के दौरान रु. 20 लाख से अधिक किन्तु रु. 50 लाख से कम हो।
- लेवी की दर अभी अधिसूचित नहीं है।
- लेवी की दर 1% से कम नहीं होगी।
कम्पोजिट करदाता के लिए शर्तें
मर्यादा सीमा के अलावा, कम्पोजिट करदात पर निम्न शर्तें लागू हैं:- अंतर्राज्यीय आपूर्ति नहीं– कम्पोजिट करदाता को माल और/या सेवाओं की अंतर्राज्यीय आपूर्ति और आयातों में संलग्न नहीं होना चाहिए।
- कम्पोजिट कर का भुगतान– यदि कम्पोजिट कर दाता, माल और सेवाएं आपूर्ति करने का व्यापार
करता है, तो माल की आपूर्ति और सेवाओं की आपूर्ति दोनों पर कम्पोजिट लेवी लागू होगी। - कर एकत्रित नहीं करना होगा– कम्पोजिट कर दाता को माल और/या सेवाओं की सभी बाहरी आपूर्ति पर कर नहीं एकत्रित करना होगा।
- एक ही पैन के अंतर्गत समस्त कारोबारी उद्यमों पर लागू– कम्पोजिट लेवी, एक ही पैन के तहत राज्य में या अंतर्राज्यीय स्तर पर संचालित सभी कारोबारी उद्यमों पर लागू होगी।
किसी व्यक्ति के विभिन्न कारोबारी उद्यम हैं, जैसे किः
- मोबाइल और एसेसरीज
- स्टेशनरी
- फ्रेंचाइजी
इनपुट कर क्रेडिट का दावा नहीं कर सकता– कम्पोजिट कर दाता माल और/या सेवाओं की अपनी सभी आंतरिक आपूर्तियों पर इनपुट कर क्रेडिट का दावा करने का पात्र नहीं है।
इसका क्या अर्थ है?
यदि कोई डीलर, कम्पोजिट कर दाता बनना चाहता है, तो वह इनपुट कर क्रेडिट का दावा नहीं कर सकता, चाहे वह किसी नियमित करयोग्य डीलर से करयोग्य खरीद करता हो। आदर्श रूप में, करयोग्य राशि कम्पोजिट कर दाता की लागत में जोड़ दी जाएगी।
कम्पोजिट कर दाता के लिए रिटर्न फार्म
कम्पोजिट कर दाता को त्रैमासिक रिटर्न और वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा। रिटर्नों के प्रकार और प्रस्तुत किए जाने वाले विवरणों के बारे में नीचे दिया गया है।
रिटर्न का प्रकार
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आवृत्ति
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निर्धारित तिथि
|
भरे जाने वाले विवरण
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फार्म जी एस टी आर-4ए
|
त्रैमासिक
|
—
|
कम्पोजीशन स्कीम के
तहत
आपूर्तिकर्ता द्वारा प्रस्तुत फार्म जी एस टी आर -1 के आधार पर,
पंजीकृत प्राप्तकर्ता को
दी
गई
आंतरिक आपूर्तियों के
स्वतः-भरे
विवरण।
|
फार्म जी एस टी आर-4
|
त्रैमासिक
|
अगले
महीने की
18 तारीख
|
माल
व
सेवाओं की
सभी
बाहरी आपूर्तियां, फार्म जी एस टी आर -4ए के स्वतः भरे
विवरणों और
कर
देय
विवरणों सहित। फार्म जी एस टी आर -4ए में कोई
बढ़ोत्तरी, संशोधन, या
विलोपन भी
फार्म जी एस टी आर -4 में दाखिल किए
जाने
चाहिए।
|
फार्म जी एस टी आर-9ए
|
वार्षिक
|
अगले
वित्तीय वर्ष
का
31 दिसम्बर
|
त्रैमासिक दाखिल रिटर्नों के
समेकित विवरण कर
भुगतान विवरणों के
साथ।
|
वर्तमान कम्पोजीशन स्कीम में, कम्पोजिट डीलर को बिक्री का केवल सकल टर्नओवर घोषित करना होता है। उसे इनवाइसवार विवरण नहीं घोषित करने होते हैं। जी एस टी में, कम्पोजिट कर दाता बाहरी आपूर्तियों के सकल टर्नओवर के साथ अपने रिटर्न, आंतरिक आपूर्तियों के इनवाइस वार विवरणों सहित दाखिल करेगा जो उसके आपूर्तिकर्ता द्वारा प्रस्तुत फार्म जी एस टी आर-1 के आधार पर स्वतः भरे हुए होंगे।
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